वर्तमान परिप्रेक्ष्य व बांग्लादेष मे सत्ता परिवर्तन

Authors

  • राकेष कुमार and डाॅ. नूरजहाँ

Abstract

अगस्त 2024 का महीना बांग्लादेश के इतिहास में एक नए लोकतांत्रिक अध्याय की शुरुआत के रूप में दर्ज हुआ है। ढाका विश्वविद्यालय से प्रारंभ हुआ “कोटा आरक्षण विरोधी आंदोलन” शीघ्र ही एक व्यापक जनआंदोलन में बदल गया, जिसने शेख हसीना की 16 वर्षीय सत्तावादी शासन व्यवस्था को समाप्त कर दिया। इस आंदोलन ने बांग्लादेश के नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं को लोकतंत्र, मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में एकजुट किया। आंदोलन के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ, जिसने लोकतांत्रिक संस्थाओं की पुनर्बहाली और निष्पक्ष चुनाव कराने का आश्वासन दिया। हालाँकि, यह परिवर्तन पूरी तरह शांतिपूर्ण नहीं था-अल्पसंख्यकों पर हमले, धार्मिक कट्टरपंथी संगठनों की सक्रियता और प्रशासनिक अस्थिरता जैसी चुनौतियाँ सामने आईं। इन परिस्थितियों में बांग्लादेश के भविष्य की दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि क्या उसकी नई राजनीतिक व्यवस्था लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बना पाएगी या नहीं।

 

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Published

2007-2025

How to Cite

राकेष कुमार and डाॅ. नूरजहाँ. (2025). वर्तमान परिप्रेक्ष्य व बांग्लादेष मे सत्ता परिवर्तन. International Journal of Economic Perspectives, 19(6), 60–64. Retrieved from https://ijeponline.com/index.php/journal/article/view/1052

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