भारतीय शास्त्रीय संगीत की परंपरा और आधुनिक परिवेश में उसका पुनर्संयोजन
Abstract
भारतीय शास्त्रीय संगीत भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और सौंदर्यबोध का गहन प्रतीक है, जिसकी परंपरा सदियों से निरंतर प्रवाहित होती आ रही है। वैदिक काल से आरंभ होकर यह संगीत आज के डिजिटल युग तक अपनी विशिष्टता बनाए हुए है। आधुनिक परिवेश में तकनीकी प्रगति, वैश्वीकरण और सांस्कृतिक अंतःक्रिया ने इसकी संरचना, प्रस्तुति और शिक्षण पद्धति को नए रूपों में ढाला है। यह शोध भारतीय शास्त्रीय संगीत की पारंपरिक विरासत और आधुनिक माध्यमों में उसके पुनर्संयोजन की प्रक्रिया का विश्लेषण करता है। अध्ययन इस बात पर केंद्रित है कि किस प्रकार डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, फ़्यूज़न शैलियाँ और आधुनिक संगीत तकनीकें परंपरा को नष्ट करने के बजाय उसे नए जीवन और वैश्विक पहचान प्रदान कर रही हैं। यह शोध परंपरा और नवाचार के संतुलन की खोज के माध्यम से संगीत के सतत विकास को समझने का प्रयास है।
 
						









