ग्रामीण संवेदना के कुशल चितेरे कवि रामइकबाल सिंह ‘राकेश’

Authors

  •  रीतु कुमारी

Abstract

   

 

 

रामइकबाल सिंह ‘राकेश’  का काव्‍य प्रगतिशील चेतना का सन्‍मवाहक है। यही कारण रहा है कि इनके ‘काव्‍य-भाव’ से जहॉं एक तरफ स्‍वच्‍छंदवाद के प्रथम आलोचक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी प्रभावित हुए है तो प्रगतिशील आलोचक प्रो. चन्‍द्रबली सिंह भी इनकी आभा से बच नही सके हैं।

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Published

2007-2024

How to Cite

 रीतु कुमारी. (2022). ग्रामीण संवेदना के कुशल चितेरे कवि रामइकबाल सिंह ‘राकेश’. International Journal of Economic Perspectives, 16(3), 143–147. Retrieved from https://ijeponline.com/index.php/journal/article/view/410

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