जलवायु परिवर्तन  एवं  मानव स्वास्थ्य:  सतत विकास लक्ष्य तेरह के विशेष सन्दर्भ में

Authors

  • मंतोष कुमार यादव

Abstract

औद्योगिक सभ्यता के तीव्र विकास ने मानव के साथ-साथ इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं का जीवन भी खतरे में डाल दिया है | तीव्र औद्योगिक विकास के कारण पर्यावरण क्षति की समस्या निरंतर बढ़ रही है पर्यावरणीय क्षति एक सामान्य समस्या है ना कि व्यक्तिगत क्योंकि पर्यावरण एक सार्वजनिक वस्तु है । पर्यावरण के क्षरण का प्रभाव संपूर्ण देश के जैव एवं अजैव समस्त पदार्थों पर पड़ता है । पर्यावरण एक सार्वजनिक वस्तु है अतः इसकी रक्षा का दायित्व संपूर्ण समाज का है जिस गति से आज पर्यावरण का क्षरण हो रहा है उसके प्रति संपूर्ण विश्व को सचेष्ट रहकर उसके संरक्षण का प्रयास करना होगा। आज पर्यावरण के अवयवों मुख्य रूप से प्राकृतिक संपदा , पृथ्वी ,जल ,वायु , वन तथा वन्य जीवो पर जो संकट व्याप्त है उसके क्षरण के दुष्प्रभावों से जो खतरा संपूर्ण विश्व पर मंडरा रहा है

 

 

Published

2007-2024

How to Cite

मंतोष कुमार यादव. (2023). जलवायु परिवर्तन  एवं  मानव स्वास्थ्य:  सतत विकास लक्ष्य तेरह के विशेष सन्दर्भ में. International Journal of Economic Perspectives, 17(4), 194–201. Retrieved from https://ijeponline.com/index.php/journal/article/view/613

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