बस्ती जनपद में शैक्षिक सुविधाओं का स्थानिक प्रतिरूप

Authors

  • राजेन्द्र प्रताप चैधरी

Abstract

शिक्षा राष्ट्र विकास का आधार स्तम्भ है। किसी भी देश और समाज की उन्नति तथा विकास उस देश के नागरिकों की शिक्षा पर निर्भर है। भारत के गाँवों के विकास में भी शिक्षा ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। शिक्षा न केवल लोगों में नई सोच एवं दिशा प्रदान करने में भी सराहनीय योगदान दे रही है, जिससे ग्रामीण परिवारों का जीवन स्तर पहले की अपेक्षा बेहतर हुआ है। यूँ तो भारत में साक्षरता एवं विशेषकर वयस्क साक्षरता आजादी के बाद से ही एक राष्ट्रीय प्राथमिकता रही है। देश में निरक्षरता दूर करने हेतु भारत सरकार ने 1988 में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन शुरु किया। 2001 में सर्व शिक्षा अभियान शुरु करके प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण की एक बड़ी पहल की गई। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 जो कि अप्रैल, 2010 से लागू हुआ। देश में 06 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का मौलिक अधिकार देता है, तथा सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आवश्यक न्यूनतम शर्तों के पालन की भी बात करता है।

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Published

2007-2024

How to Cite

राजेन्द्र प्रताप चैधरी. (2023). बस्ती जनपद में शैक्षिक सुविधाओं का स्थानिक प्रतिरूप. International Journal of Economic Perspectives, 17(3), 328–339. Retrieved from https://ijeponline.com/index.php/journal/article/view/784

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