भारत के युवा छात्रो में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति का समाजशास्त्रीय अध्ययन
Abstract
भारत में आत्महत्या की यह बढ़ती प्रवृत्ति आज एक गंभीर सामाजिक समस्याा का रूप ले लिया है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो 2020 के अनुसार देशभर में कुल 12,526 छात्रो ने आत्महत्या की जबकि 2021 में यह आंकडा बढ़कर 13,089 हो गया। जिसमें आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियो ने 56.51 प्रतिशत छात्र और 43.49 प्रतिशत छात्रा थी। जिसमें 18 वर्ष के कम आयु के 10,732 किशोरो में से 864 ने तो परीक्षा में असफलता के कारण आत्महत्या कर लिया। इस समस्याओं के निदान के लिए सरकार, सामाजिक संस्थाओ और शिक्षण संस्थाओं की और से हाल के वर्षाे में विद्यार्थियो को काउंसलिंग के साथ उनकी पढ़ाई में मदद करने और जरूरत महसूस होने पर चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है।