बीकानेर राज्य में कर नीति और व्यापार नियंत्रण (1750-1818): एक ऐतिहासिक और प्रषासनिक दृष्टिकोण
Abstract
यह शोध पत्र 1750 से 1818 ईस्वी के मध्य बीकानेर राज्य की कर नीति और व्यापार नियंत्रण व्यवस्था का ऐतिहासिक एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से विश्लेषण प्रस्तुत करता है। इस अवधि में मुग़ल साम्राज्य के पतन, मराठा प्रभाव के प्रसार, और क्षेत्रीय शक्तियों के उदय ने बीकानेर की आर्थिकी व प्रशासनिक संरचना पर गहरा प्रभाव डाला। कर नीति में पारंपरिक भू-राजस्व प्रणाली के साथ-साथ बाजार कर, सीमा शुल्क और व्यापारिक उपकर जैसी व्यवस्थाओं का विकास हुआ। व्यापार नियंत्रण में स्थानीय मंडियों का नियमन, आयात-निर्यात की शर्तें, और माल-भाड़ा नियंत्रण जैसी नीतियां शामिल थीं। इस शोध में ंतबीपअंस तमबवतके, शाही आदेश, और समकालीन यात्रा-वृत्तांतों का उपयोग करते हुए, कर व्यवस्था की निरंतरता और उसमें आए परिवर्तनों की पहचान की गई है। अध्ययन से स्पष्ट होता है कि इस काल में कर एवं व्यापार नीति केवल राजस्व वृद्धि का साधन नहीं, बल्कि राजनीतिक स्थिरता और प्रशासनिक नियंत्रण का भी महत्वपूर्ण उपकरण थी।
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Published
2007-2025
How to Cite
लक्ष्मी देवी नंदा. (2025). बीकानेर राज्य में कर नीति और व्यापार नियंत्रण (1750-1818): एक ऐतिहासिक और प्रषासनिक दृष्टिकोण. International Journal of Economic Perspectives, 18(4), 212–221. Retrieved from https://ijeponline.com/index.php/journal/article/view/1042
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